SIP करने के नुकसान क्या हैं ?

SIP (Systematic Investment Plan) एक ऐसी निवेश विधि है, जो निवेशकों को हर महीने एक निश्चित राशि को नियमित रूप से म्यूचुअल फंड में निवेश करने का अवसर देती है। यह तरीका निवेशकों को लम्बे समय तक निवेश करने में मदद करता है और उन्हें छोटा निवेश करके बड़ी राशि बनाने का मौका देता है। SIP का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह रुपया लागत औसत (Rupee Cost Averaging) के सिद्धांत पर काम करता है, जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशक लाभ कमा सकते हैं। इसके अलावा, SIP की नियमितता निवेशकों को अनुशासन बनाए रखने में मदद करती है।

हालांकि SIP के बहुत सारे फायदे हैं, जैसे कम जोखिम, लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न, और निवेश में अनुशासन, इसके बावजूद कुछ नुकसान भी हैं। निवेशकों को इन नुकसानों को समझना और ध्यान में रखना बहुत जरूरी है ताकि वे अपने निवेश निर्णय सही तरीके से ले सकें।

इस लेख में हम SIP के नुकसान पर विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप इसके लाभ और हानि दोनों को समझ सकें और एक समझदारी से निवेश कर सकें।

1. कम रिटर्न मिलने की संभावना

SIP एक सुरक्षित और नियमित निवेश तरीका है, लेकिन यह हमेशा उच्च रिटर्न की गारंटी नहीं देता है। कई बार SIP में निवेशित राशि कम रिटर्न प्रदान कर सकती है, खासकर अगर निवेशक का चयन किया गया म्यूचुअल फंड ठीक से प्रदर्शन न कर रहा हो या बाजार की स्थिति खराब हो।

  • एक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर बाजार की अस्थिरता से प्रभाव पड़ सकता है। अगर बाजार मंदी में हो, तो आपके निवेश का मूल्य गिर सकता है।
  • डेट म्यूचुअल फंड्स में भी रिटर्न अपेक्षाकृत कम हो सकते हैं, क्योंकि इन फंड्स में निवेश का उद्देश्य स्थिर आय होती है। अगर ब्याज दरों में वृद्धि होती है, तो डेट फंड्स की कीमत घट सकती है।

इसलिए, अगर आप SIP के जरिए अच्छा रिटर्न कमाने की उम्मीद करते हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपने सही म्यूचुअल फंड का चयन किया हो, और आपकी निवेश योजना सही दिशा में हो।

2. बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होना

SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह रुपया लागत औसत (Rupee Cost Averaging) के सिद्धांत पर काम करता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि SIP निवेश पूरी तरह से जोखिम मुक्त है। बाजार के उतार-चढ़ाव SIP में निवेश किए गए पैसों को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आप SIP के जरिए एक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं, तो जब बाजार में गिरावट आएगी, तो आपका निवेश भी प्रभावित होगा।

  • शेयर बाजार की अस्थिरता के कारण, जब बाजार गिरता है, तो आपकी SIP राशि का मूल्य कम हो सकता है। यह विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए चिंता का कारण हो सकता है जो शॉर्ट टर्म में रिटर्न की उम्मीद करते हैं।

हालांकि लंबी अवधि में SIP बाजार के उतार-चढ़ाव के प्रभाव को संतुलित कर सकता है, लेकिन शॉर्ट टर्म में बाजार के उतार-चढ़ाव का असर निश्चित रूप से आपके रिटर्न पर पड़ता है।

3. लंबी अवधि में निवेश की आवश्यकता

SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न प्रदान कर सकता है। हालांकि, यह लंबी अवधि में निवेश करने की आवश्यकता को जन्म देता है, जो हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। SIP का असली लाभ समय के साथ धीरे-धीरे मिलता है।

  • अगर आप शॉर्ट टर्म निवेशक हैं, तो SIP आपके लिए उचित नहीं हो सकता है, क्योंकि इसके लिए लंबे समय तक निवेश करने की आवश्यकता होती है।
  • अगर आप बाजार में अस्थिरता के कारण जल्दी अपना पैसा निकालते हैं, तो आपकी SIP रणनीति पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो सकती है, और आपको न केवल नुकसान हो सकता है बल्कि लाभ भी सीमित हो सकता है।

इसलिए, अगर आपकी निवेश की अवधि छोटी है या अगर आपको अपने पैसों की जल्दी जरूरत है, तो SIP में निवेश करना आपके लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।

4. निवेश में लचीलापन की कमी

SIP एक स्वचालित निवेश प्रक्रिया है, जो नियमित रूप से तय राशि को म्यूचुअल फंड में निवेश करती है। हालांकि यह निवेश की नियमितता और अनुशासन बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन इसमें लचीलापन की कमी हो सकती है।

  • SIP के तहत, आपको निवेश की राशि और तारीख का चयन करना होता है, और यह निवेश प्रक्रिया स्वत: होती है। अगर आपकी वित्तीय स्थिति में बदलाव आता है और आप थोड़ी देर के लिए अपनी SIP रोकना चाहते हैं, तो यह प्रक्रिया आपके लिए कठिन हो सकती है।
  • आपको मैन्युअल रूप से अपनी SIP को रोकने, बदलने या बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड कंपनी से संपर्क करना पड़ता है। अगर आपने कोई गलत तारीख या राशि चुनी है, तो इसे बदलना मुश्किल हो सकता है।

इस प्रकार, SIP का लचीलापन सीमित होता है और इसके लिए आपको सही योजना बनानी होती है।

5. ऑटो-डेबिट प्रणाली और बैंक चार्जेस

SIP की प्रक्रिया आमतौर पर ऑटो-डेबिट के जरिए होती है, जो आपके बैंक खाते से हर महीने एक निश्चित राशि काटकर म्यूचुअल फंड में भेजता है। हालांकि यह प्रक्रिया काफी सरल और सुविधाजनक होती है, लेकिन इसका एक नुकसान भी है:

  • बैंक चार्जेस: कभी-कभी बैंक की ओर से चार्जेस लगाए जा सकते हैं, जैसे एनईएफटी या आरटीजीएस शुल्क। इन शुल्कों का प्रभाव आपके निवेश की कुल राशि पर पड़ सकता है।
  • नकारात्मक शेष राशि (Negative Balance): अगर आपके बैंक खाते में पर्याप्त शेष राशि नहीं है, तो आपकी SIP नहीं कटेगी, जिससे आपके निवेश का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। यह विशेष रूप से उनके लिए समस्याजनक हो सकता है, जो अपने बैंक बैलेंस को ठीक से प्रबंधित नहीं करते हैं।

इसलिए, SIP का लाभ उठाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके खाते में पर्याप्त धन मौजूद हो।

6. शेयर बाजार की अस्थिरता से ज्यादा प्रभावित होना

SIP, विशेष रूप से एक्विटी म्यूचुअल फंड्स में, उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करने को तैयार होते हैं। हालांकि, इन फंड्स में निवेश करने पर, आपको बाजार की अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।

  • अगर शेयर बाजार में भारी गिरावट आती है, तो आपकी SIP का मूल्य कम हो सकता है, और इससे आपके निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • बाजार की अस्थिरता का प्रभाव डेट म्यूचुअल फंड्स पर भी पड़ सकता है, लेकिन इसका असर थोड़ा कम होता है।

इसलिए, SIP के जरिए निवेश करते वक्त, आपको बाजार की अस्थिरता का ध्यान रखना चाहिए और लंबी अवधि में निवेश करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए।

7. निवेश की राशि पर नियंत्रण की कमी

SIP के तहत, आपको हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश करना होता है। जबकि यह निवेश की नियमितता बनाए रखने में मदद करता है, निवेशक को उस राशि पर पूर्ण नियंत्रण नहीं होता है।

  • अगर आपकी वित्तीय स्थिति में बदलाव आता है, तो आपको SIP राशि को बढ़ाना या घटाना मुश्किल हो सकता है।
  • SIP में निवेश करते वक्त, कुछ म्यूचुअल फंड्स ऐसी कंडीशन रखते हैं कि आपको न्यूनतम निवेश राशि को पूरा करना होता है। इससे निवेशकों को निवेश राशि बढ़ाने में कठिनाई हो सकती है, खासकर अगर उनकी वित्तीय स्थिति अचानक बदल जाए।

इसलिए, SIP में निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

8. टैक्स की समस्या

SIP पर टैक्स भी लगता है, खासकर यदि आप एक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं।

  • लंबी अवधि के लाभ (LTCG) टैक्स को लागू किया जाता है अगर आपकी LTCG एक लाख रुपये से अधिक हो।
  • शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स को लागू किया जाता है अगर आपने निवेश को एक साल से पहले बेचा है।

इस प्रकार, SIP से रिटर्न प्राप्त करते वक्त, टैक्स का प्रभाव आपके कुल रिटर्न को घटा सकता है। यह टैक्स निवेशक के लिए एक बाधा हो सकता है, खासकर उच्च कर दर के कारण।

9. निष्कर्ष

SIP एक बेहतरीन निवेश विकल्प हो सकता है, जो निवेशकों को नियमित रूप से म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का अवसर देता है। इसके कई फायदे हैं, जैसे नियमित निवेश, रुपये की लागत औसत (Rupee Cost Averaging), और लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न। हालांकि, SIP के कुछ नुकसान

भी हैं, जैसे बाजार जोखिम, रिटर्न की असमानता, लंबी अवधि में निवेश की आवश्यकता, लचीलापन की कमी, और टैक्स के प्रभाव।

इसलिए, SIP में निवेश करते वक्त निवेशकों को यह समझना जरूरी है कि यह एक लंबी अवधि का निवेश विकल्प है, और यह उनके निवेश की रणनीति और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार होना चाहिए।

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