कैंडलस्टिक क्या होती है ? – इसके सभी प्रकार समझें

शेयर बाजार और अन्य वित्तीय बाजारों में ट्रेडिंग करते समय सबसे महत्वपूर्ण टूल्स में से एक कैंडलस्टिक चार्ट होता है। कैंडलस्टिक्स का उपयोग तकनीकी विश्लेषण (technical analysis) में किया जाता है और यह निवेशकों को मूल्य प्रवृत्तियों (price trends) और बाजार की दिशा (market direction) को समझने में मदद करता है। कैंडलस्टिक चार्ट विशेष रूप से उन व्यापारियों द्वारा उपयोग किया जाता है, जो बाजार में शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट निर्णय लेने के लिए चार्ट पैटर्न और मूल्य डेटा का विश्लेषण करते हैं।

कैंडलस्टिक के माध्यम से आपको केवल एक दिन के मूल्य (open, close, high, low) का पता नहीं चलता, बल्कि यह भी पता चलता है कि उस दिन बाजार में खरीदारी या बिक्री का दबाव किस हद तक था। इस लेख में हम कैंडलस्टिक के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके प्रकारों का विश्लेषण करेंगे, और यह कैसे काम करती है, इसके बारे में समझेंगे।


कैंडलस्टिक क्या है ?

कैंडलस्टिक चार्ट एक प्रकार का चार्ट होता है, जिसमें प्रत्येक कैंडल (candlestick) एक निश्चित समय अवधि (time period) के मूल्य गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करती है। प्रत्येक कैंडल में चार मुख्य तत्व होते हैं:

  1. ओपनिंग प्राइस (Opening Price) – यह वह मूल्य है, जिस पर कैंडलिस्टिक के समय के दौरान पहला व्यापार हुआ था।
  2. क्लोजिंग प्राइस (Closing Price) – यह वह मूल्य है, जिस पर कैंडलिस्टिक के समय के दौरान आखिरी व्यापार हुआ था।
  3. हाई प्राइस (High Price) – यह वह उच्चतम मूल्य है, जिस पर कैंडलिस्टिक के दौरान व्यापार हुआ था।
  4. लो प्राइस (Low Price) – यह वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर कैंडलिस्टिक के दौरान व्यापार हुआ था।

कैंडलस्टिक चार्ट में एक कैंडल का आकार और रंग विभिन्न संकेतों को दर्शाते हैं। कैंडल का आकार और लंबाई बताती है कि बाजार में किस तरह का दबाव था और उसका रंग (साधारणतः हरा या लाल) यह बताता है कि बाजार में तेजी (bullish) थी या मंदी (bearish)।


कैंडलस्टिक के घटक

कैंडलस्टिक चार्ट में हर कैंडल के चार मुख्य घटक होते हैं, जिनके बारे में विस्तार से समझना महत्वपूर्ण है:

  1. निकला (Body) – कैंडल की मुख्य बॉडी वह हिस्सा होता है जो ओपनिंग और क्लोजिंग प्राइस के बीच के अंतर को दिखाता है। यदि क्लोजिंग प्राइस ओपनिंग प्राइस से अधिक है, तो बॉडी हल्के रंग की होती है (जैसे हरा या सफेद), और अगर क्लोजिंग प्राइस ओपनिंग प्राइस से कम है, तो बॉडी गहरे रंग की होती है (जैसे लाल या काला)।

  2. ऊपरी साया (Upper Shadow) – यह कैंडल के शीर्ष पर जो पतली रेखा होती है, वह उच्चतम मूल्य को दर्शाती है, जो उस कैंडल के दौरान प्राप्त हुआ था। यह एक प्रकार का ऊपरी “साया” होता है।

  3. निचला साया (Lower Shadow) – यह कैंडल के निचले हिस्से में जो पतली रेखा होती है, वह उस समय के दौरान प्राप्त न्यूनतम मूल्य को दर्शाती है। इसे निचला “साया” कहते हैं।


कैंडलस्टिक के प्रकार

कैंडलस्टिक के कई प्रकार होते हैं, जिनके द्वारा हम बाजार की दिशा का अनुमान लगा सकते हैं। इन प्रकारों को पहचानने से आप यह समझ सकते हैं कि बाजार में तेजी आ रही है या मंदी। नीचे हम कुछ प्रमुख कैंडलस्टिक पैटर्न्स के बारे में चर्चा करेंगे:

1. बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न (Bullish Candlestick Patterns)

यह पैटर्न दर्शाता है कि बाजार में तेजी (bullish) आ सकती है। इस प्रकार के पैटर्न जब बनते हैं, तो यह संकेत देते हैं कि बाजार में अधिक खरीदार आ सकते हैं, जिससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है।

  • मारुबोजू (Marubozu): यह एक कैंडलस्टिक पैटर्न है, जिसमें कोई साया नहीं होता और कैंडल की बॉडी पूरी तरह से लंबी होती है। यह पैटर्न यह संकेत करता है कि बाजार में मजबूत खरीदी हो रही है। अगर यह पैटर्न हरा है, तो यह बाजार में तेजी को दिखाता है।

  • एंगलफिंग (Engulfing): यह पैटर्न तब बनता है जब एक छोटी कैंडल को एक बड़ी कैंडल पूरी तरह से कवर कर लेती है। अगर यह पैटर्न एक तेजी (bullish) के बाद बनता है, तो यह संकेत देता है कि अब बाजार में तेजी आ सकती है।

  • हैमर (Hammer): यह पैटर्न तब बनता है जब एक कैंडल का निचला साया बहुत लंबा होता है और बॉडी छोटी होती है। यह पैटर्न यह संकेत देता है कि बाजार में कमजोरी आ रही थी, लेकिन खरीदारों ने हस्तक्षेप किया और कीमत को ऊपर की ओर खींच लिया।

2. बियरिश कैंडलस्टिक पैटर्न (Bearish Candlestick Patterns)

यह पैटर्न दर्शाता है कि बाजार में मंदी (bearish) आ सकती है। इस प्रकार के पैटर्न तब बनते हैं जब बाजार में अधिक विक्रय दबाव होता है, जिससे कीमतों में गिरावट आ सकती है।

  • डोजी (Doji): डोजी पैटर्न तब बनता है जब ओपनिंग और क्लोजिंग प्राइस लगभग समान होते हैं, और कैंडल की बॉडी बहुत छोटी होती है। इसका मतलब है कि बाजार में असमंजस की स्थिति है और आगे की दिशा स्पष्ट नहीं है। यदि यह पैटर्न एक ऊपर की ओर बढ़ते हुए ट्रेंड के बाद बनता है, तो यह मंदी का संकेत दे सकता है।

  • शूटिंग स्टार (Shooting Star): यह पैटर्न तब बनता है जब कैंडल का ऊपरी साया बहुत लंबा होता है, लेकिन बॉडी छोटी होती है और क्लोजिंग प्राइस ओपनिंग प्राइस से कम होता है। यह पैटर्न एक अप ट्रेंड के बाद बनता है और यह संकेत करता है कि अब बाजार में गिरावट आ सकती है।

  • डार्क क्लाउड कवर (Dark Cloud Cover): यह पैटर्न तब बनता है जब एक लंबी बुलिश कैंडल के बाद एक लंबी बियरिश कैंडल आती है, जिसमें क्लोजिंग प्राइस ओपनिंग प्राइस के नीचे होता है। यह संकेत करता है कि तेजी के बाद अब मंदी आ सकती है।

3. कैंडलस्टिक रिवर्सल पैटर्न (Candlestick Reversal Patterns)

रिवर्सल पैटर्न वे पैटर्न होते हैं, जो मौजूदा ट्रेंड के उलट होने का संकेत देते हैं। यह पैटर्न तब बनते हैं जब बाजार का मौजूदा ट्रेंड अचानक बदलने की संभावना होती है।

  • हेड एंड शोल्डर्स (Head and Shoulders): यह पैटर्न एक ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न है, जो आमतौर पर एक तेजी (bullish) के बाद बनता है। इसमें तीन कैंडल होती हैं – एक कैंडल जो उच्चतम मूल्य (head) तक जाती है, और फिर दो कैंडल जो कंधों (shoulders) के समान होती हैं। जब यह पैटर्न बनता है, तो यह संकेत देता है कि अब बाजार में गिरावट (bearish) आ सकती है।

  • इन्वर्स हेड एंड शोल्डर्स (Inverse Head and Shoulders): यह पैटर्न हेड एंड शोल्डर्स का उलटा रूप है, जो मंदी के बाद तेजी के संकेत देता है। जब स्टॉक की कीमत पहले एक निचले स्तर (head) तक गिरती है और फिर ऊपर उठती है, तो इसे इन्वर्स हेड एंड शोल्डर्स कहते हैं, जो संकेत करता है कि बाजार में तेजी आ सकती है।


कैंडलस्टिक पैटर्न के उपयोग के लाभ

  1. मूल्य की दिशा का अनुमान – कैंडलस्टिक पैटर्न्स से आप बाजार की दिशा का अनुमान लगा सकते हैं। यह संकेत देता है कि क्या बाजार में तेजी आ रही है या मंदी।

  2. रिस्क मैनेजमेंट – कैंडलस्टिक के माध्यम से आप रिस्क को समझ सकते हैं और उसे बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं।

  3. सटीक निर्णय लेना – कैंडलस्टिक चार्ट का विश्लेषण करने से आपको व्यापार के लिए सही समय का चयन करने में मदद मिलती है।


निष्कर्ष

कैंडलस्टिक चार्ट और पैटर्न्स तकनीकी विश्लेषण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो ट्रेडर्स को बाजार की दिशा समझने और सही समय पर निर्णय लेने में मदद करते हैं। कैंडलस्टिक के प्रकारों और पैटर्न्स को समझकर आप बाजार के संकेतों को बेहतर तरीके से पहचान सकते हैं और अपने निवेश

निर्णयों को और अधिक सटीक बना सकते हैं। यह निवेशकों को संभावित लाभ और जोखिम का अनुमान लगाने में मदद करता है।

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